Sunday 28 December 2014

ब्बुधिजिबि का भुक् एबों खोज !ब्बुधिजिबि का भुक् एबों खोज !ब्बुधिजिबि का भुक् एबों खोज !ब्बुधिजिबि का भुक् एबों खोज !

मेरा जिबन काल में अनेक लोग मुझे ढेर सारा प्रश्न पुछेय जिसका जबाब इस्वर मेरे मध्यम से दिया .!

1- गुरुजी क्या भगवान है ,अगर है तो क्यों नहीं दिखता ?में कहा क्या आप हवा को देख सकते हो,क्या फूल्का सुगंध को देख सकते हो ? भगवान दिखता है लेकिन जब वो प्रगट होता है हम खुद निद्रा में चले जाते .जब हमारे घर में कोई मेहमान आता है तो हम घर की सफाई एबों तयारी में लग जाते ,भगवान प्राप्ति के लिये तयारी एबों मन का साफ होना अनिबर्य है,दिब्य दुर्स्ति के लिय अर्जुन के जैसे नम्र ,सबरी के जैसे सब्र,मीरा की भक्ति होना अबस्यक है. भगवान हमारा ग़ुलाम नहीं ,नही वोह किस्सी भी गुरु का जागीर है,कोई भी उसको बस में रख़ नही सकता है .अगर इंसान बस में कर लेता तो खुद भगवान से महान हो जाता है .

2-गुरुजी क्या दुनिया का अंत हो जायेगा ?में ने कहा प्रलया आ सकता है जैसे सुनामी ,केट्रिना के जासे जल प्रलय आ सकता है परंतु दुनिया का अंत कभी नहीं होगा,लाखों सल से सभ्यता चल रहा है और चलता रहेगा .जब हम इंसान हो कर अपने बना बना घर को तोड़ना नहीं चाहते तो भगवान अपना सृष्टि को कैसे नास करेगा ?में बहुत बैज्ञानिक,भबिसयातबकता एबों दर्शनिक को सम्पूर्णा अंत बारें में सुना,उन सब का मृत्यु एबों नास देखा किन्तु दुनिया अंत कोई भी इतिहास में उल्लेख नहीं.

3-गुरुजी स्त्री के उपर सोसन क्युओं हो रहा है ? गुरुजी ने कहा बिनास काले बिपरीत बुधी,एह सिर्फ कहाबत नहीं ,यह सत्य है .रामायण का महा युध सीता देवी का अत्याचार का फल है. द्रौपदी का बैजती के कारण महाभारत युध हुआ ,जब कभी नारी पर अत्याचार हुआ तब इस्वर क्रोधित हुआ ,यूं कहूँ तो भगवान को क्रोधित कर दिया गया..इस लिये नारी को देवी कहा गया है,बाइबल में नारी को सम्पूर्ण कहा गया है,अधिक्तर दर्शन सिर्फ नारी को मिला .जब की हमारा देस में कन्या का पूजा होता है फिर भी हम महिलाओं का अत्यचर करने में सबसे आगे है .अधिकतर पुरुष आपने कमजोरी छुपाने के लिये नारी पर अत्याचार करता.

4-गुरुजी रोग का करण क्या है ?गुरुजी ---प्रकृतिक नियम को बिरोध करना रोग का मुख्य करण है और मनुष्य का फैलाया हुआ प्रदूषण इंसान को रोगी बनाता है .नियम का बिरोध करना क्या है गुरुजी ?नियम का बिरोध आज अत्यधिक हो रहा है जैसे की आप को लघुसंका आ रहा है परन्तु काम के चलते आप दबाकर उस को रोकने का प्रयास करते .भुक् के समय आप चाइ पी कर भुक् को दबाते है ,मौसमी फल सब्जी का सेवन ना करना,7/8 घंटा पूरा नींद ना लेना,अप्राकृतिक प्रोयग में लेना,यह सब रोग का करण है .

5- गुरुजी क्या प्रदुसन को रोका जा सकता है ? उत्तर--राजनीतिक ईछा सक्ती एबों जागरुपता से सब कुछ संभब है .हम सब जानते है की किन किन करण से प्रदूषण फेईलता है ,हम उस काम को बंद करें .उस प्रददार्थ का बहिस्‍कार करें .हम गंगा नदी का पूजा करते हैं ,हम ही दुसित करते हैं ? इसका कोई ठोस नीति सरकार के पास नहीं है ,एरकॉनडिशन रूम में बैठ कर जमीनी प्लानिंग कभी संभब नहीं. खरबों रूपिया आयेगा राजनेता एबों ओफ्फिसेआरों में बांट जायेगा .धर्म का खुला मजाक चलता रहेगा .आज तक जितना धन आया है उसका सिर्फ 10 % एमानदारी से खर्चा किया जाता तो गंगा मैला होने से बच जाती .गंगा को मार्केटिंग से दूर रखे .पुराने प्लानिंग को भूल जाएं,हम बताएंगे कैसा गंगा को बचाना है .

6-गुरुजी आतंकबाद से पूरा बिश्व कैसे मुक्त हो सकता है ? यूबा उर्जा का ठीक से मॅनेज्मेंट करना,सीसख्या नीति में आमूल परिवर्तन की अबस्यकता है ,अन्यथा इस कोढ़ बहुत तेजी से बढते जायेगा .लग भाग 65 साल से कॉलुह का बैल का जिंदेगी जी रहें है ,जापान हुमरे साथ आज़ाद हुआ लेकिन उनका कुटीर उदयोग में घड़ी उतपादन होता है,हमारे यहाँ बीड़ी उत्पादन होता है. हमारा सिकस्या नीति बेरोजगारी को जनम देता और बेरोजगारी से अपराधी ,आतंकबाद पैदा होता है .हमारे पास सभी काम का मंत्रालय है मन्त्रणा देने बालों की कमी है ,भस्ताचार से जन्मे लोग क्या मन्त्रणा देगें .पैसा दे कर पढ़ाई किये ,पैसा दे कर पास किये ,पैसा देकर नौकरी प्राप्त किये ..जिसका निब भस्ताचार से रखा गया है उससे नैतिकता सेवा की भाबना कैसे मिल सकता है ? 

7-गुरुजी सॅचा साधु कौन है ? गुरुजी --साधु एबों गुरु राजा,मंत्री को मार्ग दिखता है,लोग कल्याण के लिये अपने आप को तपता है ,आरम को त्याग कर आम लोगों का जिंदगी जीता है बल्कि आरम करता नहीं . वोह कभी पक्ष्यपात नहीं करता,खुद का महिमा नहीं चाहता है .किसी का मुंह देख कर निर्नय नहीं करता है. जिसका उपस्तीति में सांती एबोम आनन्द ही आनन्द मिलता है बोही सॅचा साधु है . जो कोई इस के बिपरीत आचरण करता है बॉह पाखंडी है ,जो आज कल अधिक पाया जाता है !

 बहुत सारा प्रस्न का जबाब गुरुजी दिये सब का सन्खिप्त उतर इस मे लिख ने का प्रयास किया गया है,जो कोई प्रस्न . वो कभी निरास नहीं हुआ .किस तरह् रोग से,परिवारिक समस्या का समाधन नीसुल्क प्राप्त करें ,और लोगों में जागरुपता लाइये ,जन सेबा का मुहिम में भाग लेके पुण्य कामये.